Pahalgam Attack Aftermath: CRPF जवान की पाकिस्तानी बीवी मीनल अहमद को भारत के अटारी बॉर्डर से भेजा गया वापस…..

Pahalgam attack Aftermath: CRPF जवान की पाकिस्तानी बीवी मीनल अहमद को भारत के अटारी बॉर्डर से भेजा गया वापस…..

 

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, और अब इसका असर उन आम नागरिकों पर भी दिखने लगा है जो इन दोनों देशों के बीच रिश्तों की कड़वाहट में फंस गए हैं।

इसी क्रम में, जम्मू के एक सीआरपीएफ जवान की पाकिस्तानी पत्नी “मीनल अहमद खान” को मंगलवार को अटारी बॉर्डर के ज़रिए पाकिस्तान डिपोर्ट कर दिया गया।

कौन हैं मीनल और मुनीर खान?

सीआरपीएफ जवान मुनीर खान जम्मू के घरोटा इलाके के निवासी हैं। उनकी पत्नी मीनल अहमद खान , पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला की रहने वाली हैं। दोनों ने 24 मई 2024 को वीडियो कॉल के माध्यम से निकाह किया था, क्योंकि वीज़ा संबंधी कठिनाइयों के कारण वे एक-दूसरे से मिल नहीं पाए थे।

मीनल भारत आईं और 15 दिन के वीज़ा पर अपने पति के साथ जम्मू में रहने लगीं। उन्होंने लॉन्ग टर्म वीज़ा (LTV) के लिए आवेदन किया था, जो 14 मार्च 2025 को समाप्त हो गया था। हालांकि उन्होंने समय पर वीज़ा विस्तार के लिए आवेदन दे दिया था, लेकिन गृह मंत्रालय में उनकी फ़ाइल लंबित थी।

स बीच 22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द करने और तत्काल देश छोड़ने के निर्देश जारी किए। इसी आधार पर मीनल को भारत छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।

मीनल की भावुक अपील: “हमें क्यों अलग किया जा रहा है?” रवाना होने से पहले मीनल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा,” पहलगाम की घटना बेहद दुखद है। दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन हम जैसे बेगुनाह लोगों को क्यों भुगतना पड़ रहा है? मेरा वीज़ा रद्द कर दिया गया है, अब मैं अपने पति से कैसे मिलूंगी?”

मीनल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा: “हमें परिवार के साथ रहने की अनुमति मिलनी चाहिए थी। कृपया मुझे मेरे ससुराल में रहने दिया जाए।”

गृह मंत्रालय का सख्त आदेश : भारत सरकार के नए निर्देशों के अनुसार, जिन पाकिस्तानी नागरिकों के पास SAARC, विज़िटर, बिजनेस, स्टूडेंट, पत्रकार या मेडिकल वीज़ा है, उन्हें 29 अप्रैल 2025 तक भारत छोड़ना था। साथ ही, फिलहाल नए वीज़ा जारी नहीं किए जा रहे हैं।

पहलगाम हमला: टूरिस्ट पर मौत का आतंक

22 अप्रैल को जब पहलगाम में पर्यटक घाटी की खूबसूरती का आनंद ले रहे थे, तभी आतंकियों ने अचानक हमला कर दिया। उन्होंने निर्दोष और निहत्थे पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई । चश्मदीदों के अनुसार, लोगों ने रहम की गुहार की, लेकिन हमलावरों ने किसी की एक न सुनी।

मुस्लिम समुदाय को भी बनाया जा रहा निशाना बनाया जा रहा है 

पहलगाम हमले के बाद देश के कुछ हिस्सों में कश्मीरी मुस्लिमों और अन्य मुस्लिमों को भी निशाना बनाया जा रहा है। कई स्थानों पर सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर भड़काऊ माहौल पैदा हो गया है, जिससे देश की गंगा-जमनी तहज़ीब पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

निष्कर्ष:

मीनल खान का मामला भारत-पाक संबंधों की तल्ख़ी के बीच फंसे एक आम इंसान की कहानी है। जहां एक तरफ़ आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब ज़रूरी है, वहीं दूसरी ओर मानवीय संवेदनाओं को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

 

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